Department : ECONOMICS
From : 14-09-2022 To Date : 14-09-2022
मनुष्य जीवन का वास्तविक विकास पुस्तकों के बिना असंभव : प्रो. मिलखराज एमएम कॉलेज में विद्यार्थियों को बताया जीवन में पुस्तकें का महत्व कहा : मोबाइल फोन को छोड़कर पुस्तकों से प्यार करें युवा फतेहाबाद। मनोहर मैमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा 'जीवन में पुस्तकों का महत्वÓ विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर प्रो. मिलखराज कम्बोज ने भाग लिया वहीं अध्यक्षता कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने की और मुख्य वक्ता का स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. कम्बोज ने विद्यार्थियों को पुस्तकों के महत्व से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन का वास्तविक विकास पुस्तकों के बिना असंभव है। इस दौरान उन्होंने अपनी अनेक पुस्तकें कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग को प्रदान की ताकि कॉलेज के विद्यार्थी इन पुस्तकों का अध्ययन कर लाभ उठा पाएं। प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने प्रो. मिलखराज कम्बोज द्वारा दी गई पुस्तकों को स्वीकार करते हुए इसके लिए उनका धन्यवाद किया। इस अवसर पर अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक निहाल सिंह, नरेन्द्र सिंह, सुंदर के अलावा काफी संख्या में अर्थशास्त्र के विद्यार्थी मौजूद रहे। प्रो. कम्बोज एमएम कॉलेज के छात्र रहे हैं और उन्होंने 1982 में इसी कॉलेज से ग्रेजुएशन की। करीब 35 सालों तक शिक्षा क्षेत्र में अपनी बेहतरीन सेवाएं देने उपरांत प्रो. कम्बोज अप्रैल 2020 में नेशनल कॉलेज सिरसा से एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर सेवानिवृत हुए। कॉलेज में विद्यार्थियों को पुस्तकों का महत्व बताते हुए प्रो. कम्बोज ने कहा कि पुस्तकें इंसान का सच्चा मित्र होती है। अगर आप एजुकेशन में निवेश करते हैं तो उसमें सबसे ज्यादा प्रतिफल मिलता है। उन्होंने कहा कि पूंजीनिर्माण को दो वर्गों में बांटा गया है, एक भौतिक पूंजी निर्माण और दूसरा मानवीय पूंजी निर्माण। मानवीय पूंजी निर्माण तब होता है जब लोगों को शिक्षित व स्वस्थ किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और ऐसे में पुस्तकों का महत्व अपने आप बढ़ जाता है। प्रो. कम्बोज ने कहा कि विश्व में जिस भी देश ने तरक्की की है, उस देश के लोग ज्यादा शिक्षित है। पुस्तकों को इंसान का सच्चा साथी बताते हुए प्रो. कम्बोज ने इस बात पर चिंता जताई कि वर्तमान में युवा वर्ग पुस्तकों से दूर होकर मोबाइल की गिरफ्त में फंसता जा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है। ऐसे में युवा पुस्तकों से जुड़े। मोबाइल फोन को छोड़कर किताबों से प्यार करें। उन्होंने एक कहावत सुनाते हुए कहा कि अगर हम एक साल की योजना बनाते हैं तो चावल लगाएं। अगर 10 साल की योजना बनाते हैं तो वृक्ष लगाएं। अगर आप 100 साल की राष्ट्रहित की योजना बनाने हैं तो देश के लोगों लोगों को शिक्षित करें। शिक्षित व्यक्ति की देश के विकास में अपना योगदान दे सकता है। फोटो - फतेहाबाद। एमएम कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को पुस्तकों का महत्व बताते प्रो. मिलखराज कम्बोज। फोटो - फतेहाबाद। एमएम कॉलेज को पुस्तकें भेंट करते प्रो. मिलखराज कम्बोज, साथ हैं प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास।
Last Updated : May 9, 2025